रोहित शर्मा का गांव कौन सा है?

 




शिक्षा

रोहित शर्मा मुंबई के बोरिवली में आपने चाचा और दादा के देख रेख में बड़े हुए है। इनके पिता गुरुनाथ जी की आर्थिक स्थिति ऐसी नही थी की रोहित को क्रिकेट के ट्रेनिंग दे सके।


रोहित ने सन् 1999 में अपने चाचा की आय से एक क्रिकेट कैम्प में खेलना आरम्भ किया था। उस समय रोहित के कोच दिनेश लाड थे और उन्होंने कहा था कि तुम अपनी विद्यालय को बदल कर स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल में आ जाओ क्योंकि लाड वहीं पर कोच के पद पर कार्यरत थे जिस कारण रोहित को क्रिकेट खेलने में ज्यादा सुविधा मिल सके। रोहित को उस विद्यालय में जाने का मौका नहीं मिल पाया तब रोहित ने छात्रवृति की मांग की।

तब रोहित ने कोच दिनेश लाड के साथ आपने क्रिकेट करियर की शुरुआत ऑफ़ स्पिनर के तौर पर की। बाद में दिनेश लाड के सलाह पर बल्लेबाजी की शुरुआत की तब रोहित आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए जाते थे। बाद में लाड ने उन्हें ओपनिंग के लिए भेजा और आपने पहली ओपनिंग में ही रोहित ने अपना पहला शतक जड़ा।

     

करियर

रोहित शर्मा ने आपने करियर की शुरुआत मार्च 2005 में ए लिस्ट के देवघर ट्राफी से ग्वालियर में की उसके बाद उसी ट्राफी के उदयपुर एक मैच में 123 गेंद पर 142 रन की जबरदस्त पारी खेली। फिर आबूधाबी में भारत ए के लिए खेलते हुए रोहित चैंपियन ट्राफी के 30 सदस्यीय टीम में चुने गए। लेकिन अंतिम सदस्य टीम में उनको जगह नहीं मिली। फिर रोहित ने रणजी ट्रॉफी शुरुआत के बाद एन के पी सेल्व चैलेंज ट्रॉफी में भी चुने गए।

फिर रोहित ने 2006 डार्विन में प्रथम श्रेणी क्रिकेट की शुरुआत भारत ए के लिए न्यूजीलैंड के खिलाफ की।

2007 में रणजी ट्रॉफी की शुरुआत मुंबई के तरफ से गुजरात के खिलाफ 267 गेंदों पर 205 रन से की थी।

अक्टूबर 2013 में अजीत अगरकर के सन्यास के बाद रोहित आईपीएल मुंबई इंडियंस के कप्तान बने। जो आईपीएल के अब तक के सबसे सफल कप्तान है।



अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट


रोहित शर्मा ने 22 जून 2007 को बीबी आयरलैंड के खिलाफ बेलफास्ट में अंतरराष्ट्रीय वन डे क्रिकेट से डेब्यू की लेकिन इस मैच में उन्हे खेलने का मौका नहीं मिला।

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 20 सितंबर 2007 को आईसीसी विश्व 20–20 में 40 गेंद पर 50 रन बनाए।

नवंबर 2013 में कोलकाता के ईडन गार्डन में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच डेव्यू 177 रन के साथ सफल खिलाड़ी के रूप में किया।

सौरभ गांगुली और मोहम्मद अजहरुद्दीन के बाद लगातार दो टेस्ट मैचों में शतक लगाने वाले तीसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए।

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